Tuesday, May 20, 2014

कककककक कमल!

कहने की हो दिल में कोई बात, मुझसे कहो
कोई मुश्किल कोई परेशानी आये
तुम्हे लगे कुछ ठीक नही हालात, मुझसे कहो
कोई हो तम्मना कोई हो आरजू
रहना कभी ना बेकरार, मैं हूँ ना…

ओहहह… आहह… क क क क्क क्कमल… बंद करो ये गाना. आज मैं बेवडादास के रोल में हूँ. बहुत पीनी हैं. आज तक हमेशा कुछ ना कुछ छोडने के गम में पीता आया हूँ. बाबूजीने कहा गांव छोड दो. सबने कहा पारो को छोड दो. पारोने कहा शराब छोड दो. बीवीने कहा ये हवेली छोड दो. आज पूरा देश कह रहा है देश छोड दो. एक दिन आयेगा वो कहेंगे दुनियाही छोड दो. आय डोन्ट अंडरएस्टीमेट द पॉवर ऑफ कॉमन मॅन.

मैं चिल्ला चिल्लाकर दुनिया को बता दूंगा, वो ट्विट मेरा नही था! हां माना कि बाकी सब ६-७हजार मेरे हैं, लेकिन ये! ये एक ट्विट मेरा नही था पारो! मेरा नही था! हाथ में डीएसपी है, झूठ नही कहुंगा. कमसे कम मुझे तो याद नही है. ये याददाश्त भी कितनी अजीब चीज होती है. किसी चीज को जिंदगीभर भूलनेकी कोशिश करो, भूलती नही. और किसी चीज को याद करने की लाख कोशिश करो, तो याद आती नही. आय लव यू ककककक क कमल!

जब से वानखेडे स्टेडिअम पर मेरा सेक्युरिटी के साथ पंगा हुआ तब ये देश मुझे बेगाना कर गया पारो. क्या नही दिया इस देश को मैने. बरसो पेहले ये राजू जंटलमन बनने बंबई आया. जंटलमन बनने की लाख कोशिश की लेकिन हाय, कम्बख्त लोगोंने बनने नही दिया. मैने ना बोलने के बावजूद इतना पैसा दे दिया मुझे. सिर्फ पैसा होता तो ठीक, लेकिन सुपरस्टारभी बना दिया. मेरा हकलाना, मेरा वो हाथ फैलाकर गाने गाना ये लेडीज लोगोंको बहुत रोमांटिक लगा. लेकिन पैसे के उपर भी कुछ होता है. कुछ काम ऐसे होते है जिनमें फायदा या नुकसान नही देखा जाता, बस उन्हे करना जरुरी होता है. क्या मेरी इतनीही गलती थी के मुझे पाकिस्तानसे लगाव है? मेरा मेरे भाईयोंसे लगाव क्या गलत है? मैं आजभी उनसे उतनीही मोहोब्बत करता हूँ , इसलिये नही की हिंदुस्थानमें भाई नही मिलते, बल्कि इसलिये की उन भाईयोंके मोहोब्बतमेंसे फुरसतही नही मिलती.

तेवा माजा भाय लोग, मी एकदम मराटीमदे बोलतो, अरे आपण असा कायपण बोलला नाय रे! अरे मी एकदम हिंदुस्तानी हाय, माज्या बायडीचा नावपन गौरी ठेवला आपण. इथून घालवला तर मी कुटे जाईल? अरे थिते वाट लागून राहिली, दाऊदभायपण सटकला असा काल कळला. म्हंजे आपला तसा काय काँटॅक्ट नाय, पन असाच इकडून तिकडून बातमी येतो ना.  तेवा मायबाप मापी करा मी असला कायच बोलला नाय. आपण अजून शेण्टपर्शेण्ट हिंदुस्तानी हाय. आपन हिते जलमला, आपला जनाजापन हितेच निघेल. एक शिक्रेट गोष्ट बोलतो म्हंजे तुमाला विश्वास राहील. अरे आपन आपला वोट पन मोदीभाईला देला! हे बग, अजून बोटाचा शाईपण वाळला नाय.  जै महाराष्ट्र! जै शिवाजी! जै हिंदुस्तान! जै कमळ! जै गुलाब! अरे माज्या भावा, नाय नाय, शेवटला मी असाच बोलला, गुलाबचा फूल आपल्याला लई आवडते ना, म्हणून.

पारो… हां चले गये सब. आपला अॅक्टिंगच हायक्लास. मेरे चुटकीभर शरम की कीमत ये लोग क्या जाने. कभी कभी जीतने के लिये कुछ हारना भी पडता है. और हारकर जीतनेवालेको बाजीगर कहते है.

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