Tuesday, January 20, 2015

ढाण्या कविचे कवित्व

निळा बिबळ्या निकला घरसे फोडके भयंकर डरकाळी
निळा बिबळ्या निकला घरसे फोडके भयंकर डरकाळी
भगवे वाघकी भगवी चड्डी सुनके हो गई पिवळी

वाट बघ बघ के मंत्रीपद की मैं खाता रहा केले
वाट बघ बघ के मंत्रीपद की मैं खाता रहा केले
तुम्हारे बॅनरको मैंनेच रंगवाया था ये तो जरा आठव ले

भगवे वाघसे मेरे बिबळ्याकी कुस्ती में
तुमने दिया चड्डीको वोट
भगवे वाघसे मेरे बिबळ्याकी कुस्ती में
तुमने दिया चड्डीको वोट
आता ये ढाण्या वाघ घेगा तुम्हारे नरडी का घोट

मेरे दाढीको हात लावलावके दादा बाबा करते थे
मेरे दाढीको हात लावलावके दादा बाबा करते थे
इलेक्शन होतेही उसमें उवा है बोलने लगे
-आपका कवि

मत करो कोई मेरी नक्कल
खोल दूंगा मेरे पट्टे का बक्कल
मेरी पॅंट खाली पडी तोभी पर्वा नही
घालूंगा तुम्हारे डोके में, मैं थोडी अक्कल

आठवलेंका आठवावे रूप
आठवलेंका आठवावे भाषण
आठवलेंका आठवावा ढाण्या वाघ
अगर नही आठव्या तोभी मैं बनूंगा डेप्युटी शीएम
और बजा दूंगा एक एक का गेम
-आपका कवि

क्रांती करणे कू जपून जपून क्यू वावरणेका
उत्साहके भर में हमारा लेंगा टरका
दोन्ही हात से पकडके भाषण ठोका
सबने डोळे बंद किये थे टळ गया धोका
-आपका कवि

सक्काळी सक्काळी बाथरूमसे बाहेर आया मैं लेके बाथ
मेरा डोका सटका क्यूंकी बायकोने निकाले दात
देखा तो मैं था बाहर और मेरा पंचा रह गया था आत

भरारी पथकने कल रात उचल ली मेरी मोटरसायकल
भरारी पथकने कल रात उचल ली मेरी मोटरसायकल
आज ढाण्या वाघ की उडी बस से ऑफिस जायेगी

जंगलपे हुवा अतिक्रमण बिबळ्या वाघ को आया गुस्सा
बिबळ्याने आठवलेकू फोन लगाया बोला ये ऐसा कैसा?
आठवले बोला इतने दिवस मेरे कू ओळख भी नही दिया
अब घर में रॉकेल खतम हुआ तो मेरा रेशनकार्ड आठव आया?
-आपका कवि

मुझे वाटा मैंने पोरगीको पटवले
मैंने उसे बोला क्यूं ना आपण शिणमाको चले
उसने बोला हां लेकिन मेरे बापको पूछ ले
कमीनीने मुझे मां बाप के बीच बसवले
पिक्चरभर ढेकूणसे जादा उसके मां बाप चावले
रातभर उसके बापके मिशीके केस आठवले

शिळी भाकरी और पिठले
डोळे मिटके मैं ओरपले
खाके पोट मेरा तडसले
तब मुझे हवाबाण हरडे आठवले
दोन गोळ्या खाके मैंने सब पचवले
-आपका ढाण्या कवि

अगर पुढल्या वर्ष तक नाव लिया तिळगूळका
तो तुम्हारे पुठ्ठेपर लगाऊंगा एक सटका
फिर आठवेगा नाव तुम्हारा और तुम्हारे आज्जीका
-आज्जीका नाव आठवलेले कवि

संक्रांतपर मोदींनी तिळगूळ बाटले
सबकू बुलाया पण मुझे विसरले
सिद्धा फोन लगाके सरळ विचारले
उन्होने मुझे एक तास होल्डपर ठेवले
शेवटी कुणी तरी गुजरातीमें बोलले
आ लाईन व्यस्त छे एवढंच मैने ऐकले

हम बरोबर थे म्हणून मोदी आले निवडके
हरेक भाषणमें बोंबललो तरी हातमें आये चिंचोके
काल हम उनके आॅफिसकडे सहजच फिरके
म्हटलं दो शब्द सुनाऊंगा उनके कान उपटके
गार्डने बाहेरच रोका, म्हणे आठवले आत नाॅट ओके
तरीही मैंने दरवाजेके अंदर डाले डोके
दृश्य अंदरका देखके बढ गये ह्रदय के ठोके
मोदी बैठे थे, मंत्री सामने उभे वहीपेन लेके
म्हटलं बरं हुआ चिंचोके तर चिंचोके
वहीपेनसे मेरा छत्तीस का आकडा चौथीसे लेके
कसाबसा सही करता हूं आठव आठवके
मेरा ध्येय एकदम लख्ख हुआ वो देखके
क्रांती घडवूंगा इस देशमें केवळ काव्यमें बोलबोलके
-आपका ढाण्या कवि

तुमने तिळगूळ लाडू मेरे हातमें ठेवले
गोड बोला ऐसे कानमें खच्चून ओरडले
मैंने वो दातसे फोडने के खूप प्रयत्न केले
लाडू तर नहीच फुटले वर दात हुए खिळखिळे
शेवटी हातोडीसे तोडके तुकडे तुकडे केले
सावधानीसे चाव चाव के पोटमें ढकलले
कुछ उपयोग नही हुआ ऐसा जाणवले
च्यायला या लाडूच्या ऐसे शब्द निकले
क्यूंकी मैं हूं आठवले, नही हूं गोडबोले
-आपका ढाण्या कवि

अहो कलच हुई भोगी
आणि आज तुमने बनवली म्यागी?
मैनेपण बायकोको विचारले आज क्या बनाओगी
तर मुझे म्हणाली खाओ वहीच शिळी वांगी
-आपका ढाण्या कवि

आठवले नामस्मरण सप्ताह संपन्न हुआ
तुमने नही तो नही हमने तर बहुत एंजाॅय केलं बुवा
हप्ते में क्रांतीच क्रांती हुई है ये लक्षात ठेवा
आता फिरसे मुझे जो डिवचेगा उसे चावेगा कौआ
-आपका ढाण्या कवि

(आठवले सप्ताहात फेसबुकवर प्रसिद्ध केलेल्या वात्रटिका)

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