नमो
- मित्रोंsssss! क्या कुछ नही हो सकता इस देस में! बाप अगर चाहें, अगर बाप
में हिम्मत हों तो पूरा परिवार देस के प्रगती में योगदान दे सकता है।
कठिनाई होगी! जरूर होगी। बाल कटेंगे! लेकिन दोस्तोंsss! ये कटे हुए
बालssssss! तिरुपती जायेंगे, भगवान के चरणोंमें अर्पित होंगे! क्या एक
नागरिक का ये कर्तव्य नही?? मैं पूरे देस में एक क्रांति देखना चाहता हूं।
आज पूरे देस में एक अलगाव सा माहौल है। कुछ लोग काले बाल जमा कर के बैठे
है। देस के ९५ प्रतिशत जनता के बाल बचभी नही सकते तो ५ प्रतिशत लोग सिर्फ
काले बाल ले के बैठे है। लोकतंत्र और समाजवाद हमें इसकी इजाजत नही देता। तो
मित्रों!!! आज रात बारा बजे के बाद आधा इंच से जादा काले बाल अवैध माने
जायेंगे। तिरुपती, हेअर कटिंग सलून में आप बिना सवाल बाल जमा करा सकते है। ३१
दिसंबर के बाद पूरा देस केशलेस हो जाएगा।
मोमोता - उडी बाबा! गोरीब के सर पे जो बाॅल बचा है उस को भी खोतोम करना चाहते हो क्या? हम ओमारा एक भी बाॅल नही देंगे!
लालू - इ बाल तुम्हारे बाप के है का? हमारे कान पर भी बाल है हम वो भी उखाडे का?
मौनमोहन
- ये लोकतंत्र के विरोधी है, ये कानूनी डकैती है, संघटित लूटमार है।
काॅंग्रेस को गंजा बनाने की ये कूटनीती है। काले बाल खतम नही होंगे, सर पर
से ले लो, लोग कही और बढा देंगे। लेकिन दस सालमें पहली बार मुँह खोल के
बहुत अच्छा लग रहा है।
दिग्गी - ये कानून किसी विशिष्ट समाज के दाढीको टार्गेट करने के लिए किया जा रहा है।
जाणता
राजा - या ठिकाणी हा जो काही निर्णय घेण्यात आला आहे तो नियोजनपूर्वक
घेतलेला दिसत नाही. वैयक्तिकरीत्या आम्हाला या निर्णयाचा काही त्रास नाही.
आमच्या डोक्यावरचे केस आम्ही केव्हाच देशाला अर्पण केले आहेत.
केजरू
- कितना गिरोगे मोदीजी? पहले अपने दाढ़ीके बाल का हिसाब दे दे। बिहारमें
बीजेपीने इतने सारे हेअर कटिंग सलून क्यूं खरीदे इसका जवाब दे दे। हम
लोकबाल बिल लायेंगे। हर एक को एक एक बाल का हिसाब देना होगा।
हजामतीचा
त्रास झुलपं राखलेल्यांना होणारच. बापाच्या शिस्तीला मान द्या, मग मेडल
आपलंच. नाही तर ३१ नंतर आहेत ढुंगणावर फटके! उतरायची गोष्ट लांबच, चढायचीही
नाही थट्टी फस्सला.
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